जब कुछ नहीं रहा पास तो रख ली तन्हाई संभाल कर मैंने, तन्हाई में बैठकर दर्द को अपनी क़लम से लिखता हूँ, मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं हूं, जिनको पलट कर नहीं देखा मैंने सिर्फ तेरे लिए। तेरा अकेलापन मुझे अकेला होने नहीं देता। मेरी तन्हाई में ख़्वाबों https://youtu.be/Lug0ffByUck